NTA NET Geography Daily Test 30

4

NET Geography Daily Quiz

NTA NET Geography Test 30

नेट परीक्षा भूगोल विषय के लिए डेली फ्री टेस्ट

टेस्ट दें और अपनी तैयारी को मजबूत करें

1 / 35

राष्ट्रीय दूर संवेदन संस्था कहां स्थित है?

2 / 35

सूची 1 सूची 2 सुमेलित कीजिये:
सूची 1             –         सूची 2
आइसोहेलाइन –         वर्षा
आइसोवाल      –         लवणता
आइसोहाईट-          गति
आइसोबार –          दबाव

3 / 35

सूची 1-                         सूची 2
मानोर्मी-                 प्रवाल भित्ति
भाटा धाराएँ-       समुद्री दिशा मे बहाव
सामुद्रिक वेदिका- उद्धवन
प्रवाल द्वीप वलय- समुद्री तटीय उठान।

4 / 35

व्यापारिक पैमाने पर पशुपालन विकशित हुया है?

5 / 35

भारत के गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का उनकी विभव के अनुसार सही क्रम है:

सौर्य, जैविक, पवन, सामुद्रिक उष्मता

6 / 35

किस राज्य मे सिचाई के लिये नहर प्रणाली की लम्बाई सबसे अधिक है?

7 / 35

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की गई है। किनारे से किनारे तक मापी गई पानी की गहराई तथा चौड़ाई को निर्दिष्ट करना सदा सम्भव नही हो पाता, क्योकिं जब तक बाढ़ नियंत्रण, नौगम्यता या विजली उत्पादन के लिये जलधारा जा नियमन नही कर दिया जाता, तब तक प्रति खण्ड एक सुस्पष्ट आयत नही बन पाता, अत: एक औसत गहराई का आम तौर पर उपयोग किया जाता है। इनका सम्बंध फ़ार्म रेशियो के रुप मे अभिव्यक्त किया जाता है। यह अभिव्यक्त गहराई चौड़ाई से 1:50 के रूप मे व्युत्पंन है जहाँ चौड़ाई 50 मीटर, औसत गहराई 1 मीटर होती हैं। कभी कभी किनारे सुस्पष्ट तथा सुपरिभाषित होते हैं।अन्य स्थानों पर रेत तथा बजरी की असमान परतें जल तट से शनैः शनैः खड़ी ढाल के रूप मे हो सक्ती हैं।जो स्वयं भी ऊंची नीची होती हैं।जलसिक्र परिधि पर जलधारा के सम्पर्क मे आने वाले खंड की एक किनारे से दूसरे किनारे तक की लम्बाई तथा प्रति खन्डीय क्षेत्र या किसी विन्दु विशेष पर जल के प्रति खंड, जैसा की इसके नाम से स्पष्ट है- को द्योतित करता है।जलीय त्रिज्या एक अन्य सम्बंध है जो इसलिये महत्वपूर्ण है की यह जल तथा जलमार्ग के बीच के घर्षण की मात्रा के परिप्रेक्ष्य मे पथप्रदर्शक का काम करता है और इसलिये ऊर्जा ह्रास का सूचक है जलीय त्रिज्या जलसिक्र परिधि द्वारा विभाजित प्रति खन्डीय क्षेत्र है।एक न्यून जलीय त्रिज्या, जहाँ एक छिछली जल धारा एक अत्यधिक बड़े जलभाग को आवेष्टित करती, ऊर्जा के परिप्रेक्ष्य मे अत्यल्प कार्यक्षम होती है। किसी नदी का जलाधार प्रवाह जल मात्रा का वह भाग हैं जो धरातलीय जल के अन्तरप्रवाह से आता हैं, यह वर्ष पर्यंत सामान्य जल स्तर के साथ घटता बढता रह्ता हैं, परंतु सम्पूर्ण जलमार्ग आवेष्टित नही करता। वर्षा होने या वर्फ पिघलने के कारण जब स्थलीय जल का जमीनी बहिप्रवाह बढ़ जाता है तब गहराई भी निश्चित रुप से बढेगी। जब यह सम्पूर्ण जलमार्ग को आवेष्टित कर लेगा, यह लबालब भरे किनारों की अवस्था मे होगा जिसके वहिप्रवाह होने पर यह बाढ़ की अवस्था मे होगा यह जब किनारों से बाहर छलकने लगता हैं।

उपर्युक्त पैशेज को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा नीचे दिये गये प्रश्नो के सही उत्तर बताये?

आधार बहाव किस प्रकार परिवर्तित होता है:

8 / 35

मंगोल प्रजाति मुख्य रुप से पाई जाती है:

9 / 35

सूची 1 तथा सूची 2 मिलान कीजिये:
सूची 1 –                    सूची 2
ब्लाश-            युनिटी इन डाईवरसिटी
जीन ब्रुन्स-      सोशल डिटरमिनिस्म
कार्ल रिटर –     टेरेस्तियल ह्वोल
रेटजेल-              इंटरएक्शन

10 / 35

निम्नलिखित समुद्री जलधाराओ मे से प्रशांत महासागर की गल्फ जलधारा चुनिये:

11 / 35

विश्व मे खजूर के मुख्य निर्यातक हैं:

12 / 35

किस उत्तर पूर्वी राज्य मे जनजाति की जनसंख्या का जमाव न्यूनतम है? ,, ,

13 / 35

खिरगीज खानाबदोश कहां पाये जाते है:

14 / 35

नीचे दिये गये व्यक्तव्य मे एक को कथन A और दुसरे को कारण R से वर्गीकृत किया गया है। दिये गये कूट मे से अपना उत्तर चुनिये?
कथन- A स्थलमंडल स्थैनोस्फीयर जो इसके नीचे स्थित है दबाव की स्थिति मे व्यवहार मे अन्तर के आधार पर विभेदित किया जाता है।
कारण R स्थल मंडल कठोर हैं किन्तु स्थैनोस्फीयर लचीले बहाव के लिये सक्षम है।

15 / 35

सूची 1 और सूची 2 को सुमेलित कीजिये?
सूची 1 –                              सूची 2
प्रतिचक्रवात-                    मारवट
क्षरण के आधार तल-         गिल्वर्ट
पेडोकाल्स तथा पेडाल्फ़र – गाल्टन
बसाल सैपिंग              –     जान्सन

16 / 35

.मानव संसाधन का विकास मुख्य रुप से आवश्यक है, क्योकिं लोग?

17 / 35

किसी भी प्रदेश ने संसाधन का विकास मुख्य रूप से निर्भर करता है: –

18 / 35

जनजातीय लोगों द्वारा स्थानांतरणशील कृषि मुख्य रुप से की जाती है क्योकिं-

19 / 35

गंगा सिन्धु के मैदान का उर्वरक होने का क्या कारण है:

20 / 35

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की गई है। किनारे से किनारे तक मापी गई पानी की गहराई तथा चौड़ाई को निर्दिष्ट करना सदा सम्भव नही हो पाता, क्योकिं जब तक बाढ़ नियंत्रण, नौगम्यता या विजली उत्पादन के लिये जलधारा जा नियमन नही कर दिया जाता, तब तक प्रति खण्ड एक सुस्पष्ट आयत नही बन पाता, अत: एक औसत गहराई का आम तौर पर उपयोग किया जाता है। इनका सम्बंध फ़ार्म रेशियो के रुप मे अभिव्यक्त किया जाता है। यह अभिव्यक्त गहराई चौड़ाई से 1:50 के रूप मे व्युत्पंन है जहाँ चौड़ाई 50 मीटर, औसत गहराई 1 मीटर होती हैं। कभी कभी किनारे सुस्पष्ट तथा सुपरिभाषित होते हैं।अन्य स्थानों पर रेत तथा बजरी की असमान परतें जल तट से शनैः शनैः खड़ी ढाल के रूप मे हो सक्ती हैं।जो स्वयं भी ऊंची नीची होती हैं।जलसिक्र परिधि पर जलधारा के सम्पर्क मे आने वाले खंड की एक किनारे से दूसरे किनारे तक की लम्बाई तथा प्रति खन्डीय क्षेत्र या किसी विन्दु विशेष पर जल के प्रति खंड, जैसा की इसके नाम से स्पष्ट है- को द्योतित करता है।जलीय त्रिज्या एक अन्य सम्बंध है जो इसलिये महत्वपूर्ण है की यह जल तथा जलमार्ग के बीच के घर्षण की मात्रा के परिप्रेक्ष्य मे पथप्रदर्शक का काम करता है और इसलिये ऊर्जा ह्रास का सूचक है जलीय त्रिज्या जलसिक्र परिधि द्वारा विभाजित प्रति खन्डीय क्षेत्र है।एक न्यून जलीय त्रिज्या, जहाँ एक छिछली जल धारा एक अत्यधिक बड़े जलभाग को आवेष्टित करती, ऊर्जा के परिप्रेक्ष्य मे अत्यल्प कार्यक्षम होती है। किसी नदी का जलाधार प्रवाह जल मात्रा का वह भाग हैं जो धरातलीय जल के अन्तरप्रवाह से आता हैं, यह वर्ष पर्यंत सामान्य जल स्तर के साथ घटता बढता रह्ता हैं, परंतु सम्पूर्ण जलमार्ग आवेष्टित नही करता। वर्षा होने या वर्फ पिघलने के कारण जब स्थलीय जल का जमीनी बहिप्रवाह बढ़ जाता है तब गहराई भी निश्चित रुप से बढेगी। जब यह सम्पूर्ण जलमार्ग को आवेष्टित कर लेगा, यह लबालब भरे किनारों की अवस्था मे होगा जिसके वहिप्रवाह होने पर यह बाढ़ की अवस्था मे होगा यह जब किनारों से बाहर छलकने लगता हैं।

उपर्युक्त पैशेज को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा नीचे दिये गये प्रश्नो के सही उत्तर बताये?
किन परिस्थितियों मे नदी के प्रवाह मार्ग की आकृति ज्यामितीय होगी:-

21 / 35

. इसमे से कौन सा संशाधन नवीकरणीय हैं:

22 / 35

निम्नलिखित मे से कौन अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के लिये एक प्रवासी कारक है:

23 / 35

कांग्लोमरेट चट्टान मे क्या अप्रासंगिक है?

24 / 35

निम्नलिखित मे से कौन से कोल क्षेत्र की तहों मे मीथेन गैस के व्यापारिक दोहन की अधिक सम्भावना की पहचान की गई है?

25 / 35

. सूची 1 और सूची 2 सुमेलित किजीये?
सूची 1 –                 सूची 2
लेपीज-                एवेन्स
सिंकहोल्स-          कोरी
फिल्सेनमीर –     बोगाज
सर्क-              हायड्रो फ्रेक्चरिंग

26 / 35

साल एवं टीक सामान्य रुप से पाये जाते है :

27 / 35

नीचे दिये गये व्यक्तव्य मे एक को कथन A और दुसरे को कारण R से वर्गीकृत किया गया है। दिये गये कूट मे से अपना उत्तर चुनिये?
कथन A. अधिकांश परिवर्तन वादी भूगोलवेत्ताओ के अति शक्तिशाली मार्क्सवादी आधार हैं।
कारण R. परिवर्तन वादी भूगोलवेत्ताओं ने भूगोल विषय को स्थापित करने मे गहन पैठ बनाई हैं।

28 / 35

मंगोल जनजाति खासी विशेषकर कहां पाई जाती है?

29 / 35

निम्नलिखित मुख्य मृदा प्रकारों को उनके तहों मे मोटाई के बढते क्रम को व्यवस्थित करें?

अल्युवियल मृदा, चेस्टनट मृदा, चरनोजम मृदा, लेटेराईट मृदा।

30 / 35

.निम्नलिखित मे से कौन से पौधे मे काष्ठ नही होता है:

31 / 35

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की गई है। किनारे से किनारे तक मापी गई पानी की गहराई तथा चौड़ाई को निर्दिष्ट करना सदा सम्भव नही हो पाता, क्योकिं जब तक बाढ़ नियंत्रण, नौगम्यता या विजली उत्पादन के लिये जलधारा जा नियमन नही कर दिया जाता, तब तक प्रति खण्ड एक सुस्पष्ट आयत नही बन पाता, अत: एक औसत गहराई का आम तौर पर उपयोग किया जाता है। इनका सम्बंध फ़ार्म रेशियो के रुप मे अभिव्यक्त किया जाता है। यह अभिव्यक्त गहराई चौड़ाई से 1:50 के रूप मे व्युत्पंन है जहाँ चौड़ाई 50 मीटर, औसत गहराई 1 मीटर होती हैं। कभी कभी किनारे सुस्पष्ट तथा सुपरिभाषित होते हैं।अन्य स्थानों पर रेत तथा बजरी की असमान परतें जल तट से शनैः शनैः खड़ी ढाल के रूप मे हो सक्ती हैं।जो स्वयं भी ऊंची नीची होती हैं।जलसिक्र परिधि पर जलधारा के सम्पर्क मे आने वाले खंड की एक किनारे से दूसरे किनारे तक की लम्बाई तथा प्रति खन्डीय क्षेत्र या किसी विन्दु विशेष पर जल के प्रति खंड, जैसा की इसके नाम से स्पष्ट है- को द्योतित करता है।जलीय त्रिज्या एक अन्य सम्बंध है जो इसलिये महत्वपूर्ण है की यह जल तथा जलमार्ग के बीच के घर्षण की मात्रा के परिप्रेक्ष्य मे पथप्रदर्शक का काम करता है और इसलिये ऊर्जा ह्रास का सूचक है जलीय त्रिज्या जलसिक्र परिधि द्वारा विभाजित प्रति खन्डीय क्षेत्र है।एक न्यून जलीय त्रिज्या, जहाँ एक छिछली जल धारा एक अत्यधिक बड़े जलभाग को आवेष्टित करती, ऊर्जा के परिप्रेक्ष्य मे अत्यल्प कार्यक्षम होती है। किसी नदी का जलाधार प्रवाह जल मात्रा का वह भाग हैं जो धरातलीय जल के अन्तरप्रवाह से आता हैं, यह वर्ष पर्यंत सामान्य जल स्तर के साथ घटता बढता रह्ता हैं, परंतु सम्पूर्ण जलमार्ग आवेष्टित नही करता। वर्षा होने या वर्फ पिघलने के कारण जब स्थलीय जल का जमीनी बहिप्रवाह बढ़ जाता है तब गहराई भी निश्चित रुप से बढेगी। जब यह सम्पूर्ण जलमार्ग को आवेष्टित कर लेगा, यह लबालब भरे किनारों की अवस्था मे होगा जिसके वहिप्रवाह होने पर यह बाढ़ की अवस्था मे होगा यह जब किनारों से बाहर छलकने लगता हैं।

उपर्युक्त पैशेज को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा नीचे दिये गये प्रश्नो के सही उत्तर बताये?

नदी की आर्द्र परिमिति का मापन जिस प्रकार होता है:-

32 / 35

चाय के बागान कहां विकसित किये जाते है?

33 / 35

किसी भी देश की जनसंख्या वृद्धि के लिये किस प्रकार का केन्द्रीय मापन उपयोग होता है?

34 / 35

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की गई है। किनारे से किनारे तक मापी गई पानी की गहराई तथा चौड़ाई को निर्दिष्ट करना सदा सम्भव नही हो पाता, क्योकिं जब तक बाढ़ नियंत्रण, नौगम्यता या विजली उत्पादन के लिये जलधारा जा नियमन नही कर दिया जाता, तब तक प्रति खण्ड एक सुस्पष्ट आयत नही बन पाता, अत: एक औसत गहराई का आम तौर पर उपयोग किया जाता है। इनका सम्बंध फ़ार्म रेशियो के रुप मे अभिव्यक्त किया जाता है। यह अभिव्यक्त गहराई चौड़ाई से 1:50 के रूप मे व्युत्पंन है जहाँ चौड़ाई 50 मीटर, औसत गहराई 1 मीटर होती हैं। कभी कभी किनारे सुस्पष्ट तथा सुपरिभाषित होते हैं।अन्य स्थानों पर रेत तथा बजरी की असमान परतें जल तट से शनैः शनैः खड़ी ढाल के रूप मे हो सक्ती हैं।जो स्वयं भी ऊंची नीची होती हैं।जलसिक्र परिधि पर जलधारा के सम्पर्क मे आने वाले खंड की एक किनारे से दूसरे किनारे तक की लम्बाई तथा प्रति खन्डीय क्षेत्र या किसी विन्दु विशेष पर जल के प्रति खंड, जैसा की इसके नाम से स्पष्ट है- को द्योतित करता है।जलीय त्रिज्या एक अन्य सम्बंध है जो इसलिये महत्वपूर्ण है की यह जल तथा जलमार्ग के बीच के घर्षण की मात्रा के परिप्रेक्ष्य मे पथप्रदर्शक का काम करता है और इसलिये ऊर्जा ह्रास का सूचक है जलीय त्रिज्या जलसिक्र परिधि द्वारा विभाजित प्रति खन्डीय क्षेत्र है।एक न्यून जलीय त्रिज्या, जहाँ एक छिछली जल धारा एक अत्यधिक बड़े जलभाग को आवेष्टित करती, ऊर्जा के परिप्रेक्ष्य मे अत्यल्प कार्यक्षम होती है। किसी नदी का जलाधार प्रवाह जल मात्रा का वह भाग हैं जो धरातलीय जल के अन्तरप्रवाह से आता हैं, यह वर्ष पर्यंत सामान्य जल स्तर के साथ घटता बढता रह्ता हैं, परंतु सम्पूर्ण जलमार्ग आवेष्टित नही करता। वर्षा होने या वर्फ पिघलने के कारण जब स्थलीय जल का जमीनी बहिप्रवाह बढ़ जाता है तब गहराई भी निश्चित रुप से बढेगी। जब यह सम्पूर्ण जलमार्ग को आवेष्टित कर लेगा, यह लबालब भरे किनारों की अवस्था मे होगा जिसके वहिप्रवाह होने पर यह बाढ़ की अवस्था मे होगा यह जब किनारों से बाहर छलकने लगता हैं।

उपर्युक्त पैशेज को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा नीचे दिये गये प्रश्नो के सही उत्तर बताये?

नदी मार्ग की गहराई एवं चौड़ाई का अनुपात निर्धारित करता है:-

35 / 35

नीचे दिये गये व्यक्तव्य मे एक को कथन A और दुसरे को कारण R से वर्गीकृत किया गया है। दिये गये कूट मे से अपना उत्तर चुनिये?
कथन- A: समतापमंडल मे ऊचाई के अनुरुप तापमान मे वृद्घि होती है।
कारण R: समतापमंडल की उष्मता मुख्यत: ओजोन अणुओं के द्वारा सूर्य के पराबैगनी रश्मि के विकिरण के अवशोषण द्वारा होता हैं।

रिजल्ट पाने के लिए कृपया अपना नाम भरें

Your score is

0%

भूगोल ऑनलाइन टेस्ट, भूगोल अभ्यास सेट , भौतिक भूगोल प्रश्न , फ्री ऑनलाइन टेस्ट , भूगोल क्विज , Geography online test , मॉक टेस्ट , Geography Online Test For TGT – PGT , TGT PGT भूगोल , नेट परीक्षा भूगोल टेस्ट , भूगोल टेस्ट सीरीज

Question List-

इस क्विज में कुल 20 प्रश्न शामिल हैं , जिसके सही उत्तर आपको टेस्ट देने के बाद बताये जायेंगे

कुछ प्रमुख प्रश्न निम्नलिखित हैं

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की…

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की…

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की…

जलधारा , एक नियत ढ़ाचे तथा प्रति खंडों सहित धरातल के एक सुस्पष्ट जलमार्ग के अन्तर्गत आबध्द होती है, जो स्रोत से निकासमार्ग तक परिवर्तित होती हैं तथा जल निकास प्रणाली के विकास के साथ साथ अपना स्वरुप बदलती रहती हैं। कुछ स्पष्टता तथा सटीकता लाने हेतु, मुख्यतया सिविल इन्जीनियरोन के द्वारा एक विशिष्ट तथा कक्षीय सुस्पष्ट शब्दावली प्रस्तुत की…

निम्नलिखित समुद्री जलधाराओ मे से प्रशांत महासागर की गल्फ जलधारा चुनिये:

सूची 1 तथा सूची 2 मिलान कीजिये: सूची 1 – सूची 2 ब्लाश- युनिटी इन डाईवरसिटी जीन ब्रुन्स- सोशल डिटरमिनिस्म कार्ल रिटर – टेरेस्तियल ह्वोल रेटजेल- इंटरएक्शन

भारत के गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का उनकी विभव के अनुसार सही क्रम है: सौर्य, जैविक, पवन, सामुद्रिक उष्मता

नीचे दिये गये व्यक्तव्य मे एक को कथन A और दुसरे को कारण R से वर्गीकृत किया गया है। दिये गये कूट मे से अपना उत्तर चुनिये? कथन- A: समतापमंडल मे ऊचाई के अनुरुप तापमान मे वृद्घि होती है। कारण R: समतापमंडल की उष्मता मुख्यत: ओजोन अणुओं के द्वारा सूर्य के पराबैगनी रश्मि के विकिरण के अवशोषण द्वारा होता हैं।

नीचे दिये गये व्यक्तव्य मे एक को कथन A और दुसरे को कारण R से वर्गीकृत किया गया है। दिये गये कूट मे से अपना उत्तर चुनिये? कथन A. अधिकांश परिवर्तन वादी भूगोलवेत्ताओ के अति शक्तिशाली मार्क्सवादी आधार हैं। कारण R. परिवर्तन वादी भूगोलवेत्ताओं ने भूगोल विषय को स्थापित करने मे गहन पैठ बनाई हैं।

नीचे दिये गये व्यक्तव्य मे एक को कथन A और दुसरे को कारण R से वर्गीकृत किया गया है। दिये गये कूट मे से अपना उत्तर चुनिये? कथन- A स्थलमंडल स्थैनोस्फीयर जो इसके नीचे स्थित है दबाव की स्थिति मे व्यवहार मे अन्तर के आधार पर विभेदित किया जाता है। कारण R स्थल मंडल कठोर हैं किन्तु स्थैनोस्फीयर लचीले बहाव के लिये…

. सूची 1 और सूची 2 सुमेलित किजीये? सूची 1 – सूची 2 लेपीज- एवेन्स सिंकहोल्स- कोरी फिल्सेनमीर – बोगाज सर्क- हायड्रो फ्रेक्चरिंग

सूची 1 सूची 2 सुमेलित कीजिये: सूची 1 – सूची 2 आइसोहेलाइन – वर्षा आइसोवाल – लवणता आइसोहाईट- गति आइसोबार – दबाव

सूची 1- सूची 2 मानोर्मी- प्रवाल भित्ति भाटा धाराएँ- समुद्री दिशा मे बहाव सामुद्रिक वेदिका- उद्धवन प्रवाल द्वीप वलय- समुद्री तटीय उठान।

निम्नलिखित मुख्य मृदा प्रकारों को उनके तहों मे मोटाई के बढते क्रम को व्यवस्थित करें? अल्युवियल मृदा, चेस्टनट मृदा, चरनोजम मृदा, लेटेराईट मृदा।

कांग्लोमरेट चट्टान मे क्या अप्रासंगिक है?

सूची 1 और सूची 2 को सुमेलित कीजिये? सूची 1 – सूची 2 प्रतिचक्रवात- मारवट क्षरण के आधार तल- गिल्वर्ट पेडोकाल्स तथा पेडाल्फ़र – गाल्टन बसाल सैपिंग – जान्सन

किसी भी प्रदेश ने संसाधन का विकास मुख्य रूप से निर्भर करता है: –

जनजातीय लोगों द्वारा स्थानांतरणशील कृषि मुख्य रुप से की जाती है क्योकिं-

विश्व मे खजूर के मुख्य निर्यातक हैं:

साल एवं टीक सामान्य रुप से पाये जाते है :

चाय के बागान कहां विकसित किये जाते है?

किस उत्तर पूर्वी राज्य मे जनजाति की जनसंख्या का जमाव न्यूनतम है? ,, ,

मंगोल जनजाति खासी विशेषकर कहां पाई जाती है?

राष्ट्रीय दूर संवेदन संस्था कहां स्थित है?

किसी भी देश की जनसंख्या वृद्धि के लिये किस प्रकार का केन्द्रीय मापन उपयोग होता है?

निम्नलिखित मे से कौन से कोल क्षेत्र की तहों मे मीथेन गैस के व्यापारिक दोहन की अधिक सम्भावना की पहचान की गई है?

मंगोल प्रजाति मुख्य रुप से पाई जाती है:

व्यापारिक पैमाने पर पशुपालन विकशित हुया है?

.मानव संसाधन का विकास मुख्य रुप से आवश्यक है, क्योकिं लोग?

निम्नलिखित मे से कौन अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास के लिये एक प्रवासी कारक है:

किस राज्य मे सिचाई के लिये नहर प्रणाली की लम्बाई सबसे अधिक है?

.निम्नलिखित मे से कौन से पौधे मे काष्ठ नही होता है:

गंगा सिन्धु के मैदान का उर्वरक होने का क्या कारण है:

. इसमे से कौन सा संशाधन नवीकरणीय हैं:

खिरगीज खानाबदोश कहां पाये जाते है:

Share